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Saturday, 9 July 2016

बीटीसी-2013 के अभ्यर्थी बिगाड़ेंगे शिक्षक भर्ती का गणित

Ragini Srivastav     17:01:00  No comments

बीटीसी-2013 के अभ्यर्थी बिगाड़ेंगे शिक्षक भर्ती का गणित

सामान्य वर्ग के लिए 400 रूपए फीस निर्धारित की गई है। एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग को 100 रूपए फीस देनी होगी

शासनादेश जारी होने की तिथि तक सहायक अध्यापक के लिए अर्हता रखने वाले अभ्यर्थी ही परिषदीय विद्यालयों के लिए घोषित होने वाले 16448 सहायक अध्यापकों के पद पर आवेदन करेंगे। प्रदेश के बेसिक शिक्षा सचिव की ओर से की गई इस घोषणा के साथ उन्हीं के विभाग से जुड़े सचिव परीक्षा नियामक कार्यालय के लोग हवा निकालने की कोशिश में लगे हैं। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से 16448 शिक्षकों की भर्ती की अंतिम तिथि बीतने के एक दिन पहले बीटीसी-2013 बैच का रिजल्ट आनन-फानन में जारी करने की कोशिश पूरी प्रक्रिया पर ही सवालिया निशान लगा रहा है।

शासन एवं परीक्षार्थियों के दबाव में आकर परीक्षा नियामक कार्यालय की ओर से बीटीसी-2013 का परिणाम घोषित किया जाना पूरी प्रक्रिया को जांच के दायरे में शामिल कर दिया है। बीटीसी-2013 की कॉपियों के मूल्यांकन में गड़बड़ी का आरोप लगाकर बीटीसी-2011 एवं 2012 बैच के प्रशिक्षुओं ने इसके दोबारा मूल्यांकन की मांग की है। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया था कि परीक्षा नियामक कार्यालय के एक बाबू विजय शंकर पांडेय ने पैसा लेकर कापियों के मूल्यांकन में गड़बड़ी की थी। इस बात को लेकर अभ्यर्थियों की शिकायत के बाद संबंधित बाबू का तबादला कर दिया गया।

बीटीसी-2013 के अभ्यर्थी अब परीक्षा परिणाम घोषित हो जाने के बाद से 16448 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए आवेदन कर सकेंगे। यदि बीटीसी-2013 के प्रशिक्षु बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से घोषित पदों केलिए आवेदन करने में सफल हो गए तो यह प्रशिक्षु कोर्ट में याचिका दाखिल करके उन्हें भी भर्ती में मौका देने के लिए गुहार लगा सकते हैं। मामला न्यायालय गया तो पूरी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया विवादों में फंस सकती है। फिलहाल परीक्षा नियामक कार्यालय की ओर से परिणाम की घोषणा के साथ वेबसाइट पर रिजल्ट एक सप्ताह बाद देखा जा सकेगा घोषणा करके बीटीसी-2013 के अभ्यर्थियों की उम्मीद धुंधली कर दी है।

परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से बीटीसी-2013 चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा का रिजल्ट 15 जुलाई तक जारी करने की घोषणा के बाद आखिरकार किसके दबाव में आनन-फानन में नौ जुलाई को ही घोषित कर दिया गया। सात जुलाई से लगातार सरकारी कार्यालयों में अवकाश के बाद आखिरकार छुट्टी के दिन परिणाम कैसे घोषित किया। कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के एक बड़े अधिकारी के पास सरकार के एक मंत्री का फोन आया था, इसमें परीक्षा परिणाम जल्द घोषित करने के लिए कहा गया।

परीक्षार्थियों ने आरोप लगाया कि मूल्यांकन में गड़बड़ी हुई है, यह बात परीक्षा नियामक कार्यालय के बाबू पर आरोप लगाए जाने के बाद हुए उसके तबादले से स्पष्ट हो गया है। अब इस मामले की जांच कराए बिना परीक्षा परिणाम जारी करके सचिव परीक्षा नियामक मनमानी कर रही है। परिणाम घोषित किए जाने की सूचना पर बड़ी संख्या में बीटीसी-2011 एवं 2012 के प्रशिक्षु परीक्षा नियामक कार्यालय पर जमे रहे।

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