यूपी के माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव बर्खास्त
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सिफारिश पर माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव को हटा दिया है। मुख्यमंत्री अब माध्यमिक शिक्षा विभाग का काम भी देखेंगे।
Tue, 21 Jun 2016 09:40 PM (IST)
लखनऊ (जेएनएन)। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बलराम यादव को माध्यमिक शिक्षा मंत्री केपद से बर्खास्त कर दिया है। वह अखिलेश सरकार के 12 वें ऐसे मंत्री हैं जिन्हें बर्खास्त किया गया है। बर्खास्तगी के पीछे कारण कई गिनाये जा रहे हैं, मगर प्रमुख वजह कौमी एकता दल का सपा में विलय माना जा रहा है।
मंगलवार को लखनऊ में जिस समय कौमी एकता दल के समाजवादी पार्टी में विलय की घोषणा की जा रही थी, तकरीबन उसी समय मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जौनपुर में कहा कि 'समाजवादी पार्टी को किसी दल की जरूरत नहीं, वह अपने बूते जीतकर सत्ता में लौटेगी।'जौनपुर से वापस लौटते ही मुख्यमंत्री ने कौमी एकता दल का सपा में विलय कराने में महत्वपूर्ण किरदार निभाने वालों में शुमार माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया। ऐसे में माना जा रहा है कि इस कार्रवाई के पीछे यह भी एक कारण हो सकता है। हालांकि पार्टी के अंदर पहले से ही इस बात की चर्चा चल रही थी कि मंत्रिमंडल के विस्तार में बलराम यादव को हटाकर उनके बेटे संग्र्राम यादव को राज्यमंत्री बनाया जायेगा। मगर कार्रवाई के तरीके से उसे विलय से जोड़कर देखा जा रहा है।
पहले भी बर्खास्त हुए मंत्री
अखिलेश यादव पहले भी अपने कई मंत्रियों को बर्खास्त कर चुके हैं। अप्रैल 2013 में तत्कालीन खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री (स्वर्गीय) राजाराम पाण्डेय की बर्खास्तगी से की थी। उन पर महिला आइएएस पर अशोभनीय टिप्पणी का इल्जाम लगा था। मार्च 2014 में मनोज पारस और आनंद सिंह मंत्री पद से बर्खास्त किये गये। लोकसभा चुनाव के बाद राज्यमंत्री पवन पाण्डेय को बर्खास्त हुए हालांकि बाद में उनकी मंत्रिमंडल में वापसी हो गयी थी। इसके बाद अक्टूबर 2015 में मुख्यमंत्री ने एक साथ आठ मंत्रियों को बर्खास्त किया, जिसमें राजा महेन्द्र अरिदमन सिंह, अंबिका चौधरी, शिव कुमार बेरिया, नारद राय, शिवाकान्त ओझा, आलोक कुमार शाक्य,योगेश प्रताप और भगवत शरण गंगवार शामिल थे।
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