टीजीटी-पीजीटी: प्रश्नपत्र में गड़बड़ी से फंसेगी शिक्षक भर्ती
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की एक और शिक्षक भर्ती गड़बड़ी की भेंट चढ़ सकती है। चयन बोर्ड की किसी परीक्षा में इतने बड़े पैमाने पर प्रश्नपत्र में गलती कभी नहीं मिली। प्रश्नपत्र की वर्तनी में त्रुटि एवं बड़े पैमाने पर गलत प्रश्न पूछे जाने से परीक्षा की वैधानिकता पर सवाल खड़ा हो गया है। गलत सवाल पूछे जाने के खिलाफ परीक्षार्थियों ने परीक्षा निरस्त करने की मांग को लेकर न्यायालय में याचिका दाखिल करने की चेतावनी दी है।
शिक्षक भर्ती परीक्षा के पहले दिन प्रवक्ता परीक्षा हुई। परीक्षा में प्रवक्ता हिंदी के सवालों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मिली। बड़ी संख्या में साहित्यकारों के नाम तक गलत लिख दिए गए। नियमानुसार किसी परीक्षा से पहले विशेषज्ञों का दल पूरे प्रश्नपत्र की जांच करता है। जांच के बाद मॉडरेशन कमेटी की रिपोर्ट के बाद प्रश्नपत्र के प्रयोग की अनुमति मिलती है। आखिर में चयन बोर्ड की ओर से बिना जांच के कैसे प्रश्नपत्र को परीक्षा समिति ने मंजूरी दे दी।
पीजीटी अंग्रेजी में 12 से अधिक सवाल गलत, संस्कृत में भी कई सवाल गलत होने के साथ संगीत की परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र ही नहीं मिला। टीजीटी कला एवं सामाजिक विज्ञान सहित कई अन्य विषयों की परीक्षा में भी गलत सवाल पूछे जाने का मामला सामने आया है। सवाल गलत पूछे जाने के मामले में भले ही चयन बोर्ड उन प्रश्नों को बाहर करने की बात कर रहा परंतु यह किसी समस्या का विकल्प नहीं है। गलत सवाल पूछे जाने पर पूरी परीक्षा ही सवालों के घेरे में आ गई है।
गलत सवाल पूछे जाने के बाद परीक्षार्थियों की मांग की अनदेखी करके रिजल्ट घोषित कर देने और साक्षात्कार करके नौकरी देने के बाद टीजीटी-2009 में कई विषयों के शिक्षकों को ज्वाइनिंग के बाद सेवा से बाहर कर दिया गया। सेवा से बाहर किए जाने के बाद यह अभ्यर्थी आज तक सड़क पर टहल रहे हैं। आखिर में चयन बोर्ड की गलती का खामियाजा अभ्यर्थी क्यों भुगतें।
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