कालेजों में शिक्षक भर्ती, विकास का रास्ता साफ
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के संघटक कालेजों में शिक्षकाें की भर्ती और उनके विकास का रास्ता साफ हो गया है। गवर्निंग बॉडी के गठन को लेकर विवाद की वजह से कालेजों में सबकुछ ठप है, लेकिन अब यह विवाद दूर हो गया है। ऑर्डिनेंस में संशोधन के प्रस्ताव को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय और विश्वविद्यालय प्रशासन से हरी झंडी मिलने के बाद शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी है।
विश्वविद्यालयों को केंद्रीय दर्जा मिलने के बाद गवर्निंग बॉडी तथा अधिकारों को लेकर विश्वविद्यालय और कालेजाें के बीच विवाद बना रहा। इसकी वजह से कालेजों में शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पा रही। इसका नतीजा यह है कि तकरीबन सभी कालेजों में कई ऐसे विषय हैं जिनमें एक भी शिक्षक नहीं हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने आगामी सत्र से कालेजों में परास्नातक की पढ़ाई शुरू करने की अनुमति दे दी है। विषयों का चयन भी हो चुका है। ऐसे में शिक्षकों की भर्ती नहीं होने से समस्या और बढ़ने का अंदेशा है। इसके अलावा कालेजों का फंड भी रोक दिया गया था। इससे कालेजों का विकास भी प्रभावित है। ऐसे में ऑर्डिनेंस में संशोधन से संबंधित प्रस्ताव पर राष्ट्रपति की मुहर लगने से कालेजों को काफी राहत मिली है। अब कोई बड़ी बाधा नहीं आई तो इसी महीने अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
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