पेंशन बढ़ोतरी में आठ फीसदी का नुकसान
सातवां वेतन आयोग केंद्रीय पेंशनरों के लिए उतना फायदेमंद नहीं रहा, जितना छठवां वेतन आयोग था। छठवें वेतन आयोग में पेंशन में 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी जबकि अबकी यह वृद्धि 32 फीसदी तक ही सीमित रह गई। कहने को 125 फीसदी डीए मूल पेंशन में मर्ज कर दिया जाएगा लेकिन इसमें भी पेंशनरों को विशेष लाभ नहीं होने वाला। अबकी डीए गणना के फार्मूले में संशोधन कर दिया गया है, सो पहले के मुकाबले डीए बढ़ोतरी अब आधी होगी।
वतर्मान में केंद्रीय पेंशनरों को 125 फीसदी डीए समेत मूल पेंशन का 2.25 कनवर्जन फैक्टर के तहत कुल पेंशन का भुगतान हो रहा है। उदाहरण के तौर पर किसी का मूल पेंशन 10 हजार है तो उसमें कनवर्जन फैक्टर 2.25 का गुणा करने पर उसे कुल पेंशन 22 हजार 500 रुपये मिल रही है। सातवें वेतन आयोग में कनवर्जन फैक्टर 2.57 कर दिया गया है। यानी अब 25 हजार 700 रुपये पेंशन मिलेगी। ऐसे में कुल पेंशन में 3200 रुपये की वृद्धि होगी। पेंशनर को 3200 रुपये का लाभ मिलेगा। यदि कनवर्जन फैक्टर बढ़ाकर 2.65 किया गया होता तो कुल पेंशन पिछली बार के बराबर 26 हजार 500 रुपये हो जाती यानी चार हजार रुपये (मूल पेंशन में 40 फीसदी) बढ़ोतरी का लाभ मिलता।
छठवें वेतन आयोग के मुकाबले सातवें वेतन आयोग में कनवर्जन फैक्टर में 0.32 की कमी आ जाने से पेंशनरों को आठ फीसदी का नुकसान हुआ है। आल इंडिया ऑडिट एंड एकाउंट एसोसिएशन के पूर्व सहायक महासचिव एवं सिविल एकाउंट्स ब्रदरहुड के पूर्व अध्यक्ष हरिशंकर तिवारी का कहना है कि 125 फीसडी डीए जनवरी-2016 से मूल पेंशन में मर्ज हो जाएगा और डीए शून्य मान लिया जाएगा। इसके बाद पूरी पेंशन को मूल पेंशन मानते हुए उस पर डीए वृद्धि का लाभ दिया जाएगा लेकिन इससे पेंशनरों को विशेष लाभ नहीं होगा। दरअसल, डीए गणना के फार्मूले में संशोधन के बाद बढ़ोतरी दर कम हो जाएगी। उदाहरण के तौर पर पहले छह फीसदी डीए मिलता था तो अब दो या तीन फीसदी बढ़ोतरी का लाभ मिलेगा। ऐसे में धनराशि में खास फायदा नहीं होगा।
वर्तमान में आपको जितनी मूल पेंशन मिल रही है, उसमें कनवर्जन फैक्टर 2.57 से गुणा कर दें। प्राप्त परिणाम ही कुल पेंशन होगी। अगर आपने पेंशन सारांशीकरण करा रखा है तो उस राशि को कुल पेंशन से घटा दें और जो परिणाम सामने आएगा, वह धनराशि पेंशन के रूप में आपके हाथ आएगी।
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