हर परीक्षा पेपर वायरल, कैसे हो समस्या का हल
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे युवा नए संकट से जूझ रहे हैं। रविवार को हुई लोअर सबआर्डिनेट भर्ती परीक्षा में पेपर वायरल होने तथा नकल की शिकायतों ने भर्ती संस्थाओं की पारदर्शी व्यवस्था के दावों को लेकर नई बहस को जन्म दे दिया है। भर्ती परीक्षाओं में अनियमितता की वजह से उनका भविष्य अंधकार में है। पूरा तंत्र फेल होता दिख रहा है। ज्यादातर परीक्षाओं में जालसाज सेंधमारी में सफल होते जा रहे हैं। परीक्षा के दौरान मोबाइल पर पेपर वायरल होने की शिकायत तो आम हो गई है। मुश्किल यह कि भर्ती संस्थाआें के जिम्मेदार चूक मानने के लिए भी तैयार नहीं हैं। ऐसे में जालसाजों का मकसद सफल हो रहा है। इससे निराश और नाराज युवाओं में भर्ती संस्थाओं पर से भरोसा उठने लगा है।
जालसाजों के नेटवर्क से कोई भी भर्ती संस्था अछूती नहीं है। कर्मचारी चयन आयोग की भर्तियों में पेपर आउट होने की शिकायतों के बाद कई परीक्षाएं दोबारा करानी पड़ीं। रेलवे भर्ती बोर्ड की ऑनलाइन परीक्षा को तो जालसाजों ने पूरी तरह से हाईजैक कर लिया था। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के इतिहास में पहली बार पीसीएस-2015 प्रारंभिक परीक्षा का पेपर आउट हुआ। चौंकाने वाली बात यह कि प्रदेश सरकार के हस्तक्षेप के बाद परीक्षा निरस्त हुई। इन चुनौतियों के बीच परीक्षा के दौरान मोबाइल पर पेपर वायरल होने की शिकायतों ने प्रतियोगियों की उम्मीदों को तगड़ा झटका दिया है।
बीते दिनों अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ग्राम विकास अधिकारी भर्ती परीक्षा में पेपर वायरल होने और नकल की शिकायत रही। तीन लोग पकड़े भी गए। इसे लेकर प्रतियोगी आंदोलनरत भी हैं। इसी बीच रविवार को हुई अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ही लोअर सबऑर्डिनेट भर्ती परीक्षा का पेपर भी वायरल हो गया। परीक्षा शुरू होने के एक घंटे के भीतर पेपर ज्यादातर लोगों के मोबाइल पर पहुंच चुका था। लखनऊ में परीक्षा केंद्र के बाहर हल बेचे जाने की भी शिकायत मिली। बावजूद इसके आयोग के अफसरों ने किसी भी गड़बड़ी की शिकायत को सिरे से खारिज कर दिया।
छात्र अभिषेक सिंह कहते हैं, इलाहाबाद विश्वविद्यालय हिन्दी पट्टी के युवाओं के लिए आज भी उम्मीदों का केंद्र है लेकिन वहां की प्रवेश परीक्षा का पेपर भी वायरल हो गया। पूरी परीक्षा मजाक बनकर रह गई, फिर भी अफसर चूक मानने के लिए तैयार नहीं हैं। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अवनीश पांडेय कहते हैं, बीते कई वर्षों से सभी संस्थाओं की भर्तियों में भारी अनियमितता सामने आई है। दो संस्थाआें में तो इसकी वजह से वर्षों से कोई भर्ती ही नहीं हो पाई है। लोक सेवा आयोग के साथ अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्तियों में धांधली के खिलाफ राज्यपाल तथा अन्य से शिकायत की गई है। सड़क पर आंदोलन के अलावा हाईकोर्ट में भी याचिका दाखिल की जाएगी। प्रतियोगी आशीष कहते हैं, सुनियोजित तरीके से लाखों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ जारी है।
जारी है सीबीआई जांच की लड़ाई
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्तियों में अनियमितता के खिलाफ प्रतियोगियों की लड़ाई जारी है। अनिल यादव के समय में कई विवादित फैसले लिए गए थे तो हर भर्ती में अनियमितता की शिकायत भी रही। हालांकि प्रतियोगियों के लंबे संघर्ष के बाद अनिल यादव को अध्यक्ष पद से तो हटा दिया गया लेकिन सीबीआई जांच की उनकी लड़ाई अब भी जारी है। उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर रखी है। आयोग की भर्तियों में अनियमितता की शिकायत बनी हुई है। इसके खिलाफ भी लड़ाई जारी है। प्रतियोगियों का बड़ा वर्ग अब अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्तियों की सीबीआई जांच की मांग करने लगा है जिसके लिए आंदोलन के साथ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने की भी तैयारी है।
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