हरियाणा में शिक्षकों के जींस पहनने पर रोक
हरियाणा के शैक्षणिक पाठ्यक्रम में गीता शामिल किए जाने के बाद अब राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के जींस पहनने पर रोक लगा दी है। यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। सरकार के इस आदेश का विरोध शुरू हो गया है।
शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार हरियाणा में पिछले लंबे समय से शिक्षकों द्वारा छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की शिकायतें मिल रही थीं। दूसरे, शिक्षा विभाग को इस तरह की सूचनाएं भी मिली थीं कि बहुत से शिक्षक फैशनेबल और कटी-फटी जींस भी पहन रहे हैं जिसका छात्रों एवं छात्राओं पर गलत असर पड़ रहा है। विभाग ने इसे रोकने के लिए यह फैसला किया है। शिक्षा विभाग के निदेशक ने इस संबंध में सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी किए हैं। यह भी कहा गया है कि शिक्षक अगर शिक्षा निदेशालय में भी आते हैं तो वह जींस पहनकर नहीं आएं।
अध्यापक यूनियन ने जताया विरोध
शिक्षा विभाग के इस फरमान पर हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप सरीन ने कहा कि यह शिक्षकों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है। जींस कोई ऐसा वस्त्र नहीं है जिस पर आपत्ति हो।
सोशल मीडिया पर आलोचना
हरियाणा सरकार के इस आदेश की सोशल मीडिया बेहद आलोचना हो रही है। कई शिक्षाविदों ने इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है। भाजपा सरकार के पूर्व के भी कई फैसले विवादों में रहे हैं। स्कूली पाठ्यक्रम में सरकार ने बदलाव किया था जिसमें पूर्व सीएम भगवत दयाल शर्मा, चौधरी देवीलाल, चौधरी बंसीलाल, चौधरी रणबीर सिंह व राव बीरेंद्र सिंह सहित कई महापुरुषों की जीवनियां कोर्स से हटा दी गई थी। हालांकि विरोध के बाद सरकार को अपने कदम पीछे खींचने पड़े।
अध्यापक विद्यार्थी का दर्पण होता है। सरकार का प्रयास है कि शिक्षकों को सही मायने में छात्रों का रोल माॠडल बनाया जाए। इस फैसले को लागू करने के लिए अफसरों की बैठक बुलाई गई है।
पी.के. दास, अतिरिक्त मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग, हरियाणा
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