सातवें वेतन आयोग पर न राज्य कर्मचारी संतुष्ट न पेंशनरों को खुशी, शिक्षक भी नाराज
सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट से न तो राज्य कर्मचारी संतुष्ट हैं और न पेंशनरों को ही खुशी हुई है। शिक्षक संगठनों और निगमों के कर्मचारियों को भी यह रिपोर्ट रास नहीं आई है। कर्मचारी, शिक्षक तथा पेंशनर संगठनों ने केंद्र सरकार पर चालाकी से राज्य कर्मचारियों की जेब पर कैंची चलाने का आरोप लगाया है।
राज्य कर्मचारियों का कहना है कि बढ़ोतरी का जो फॉर्मूला बनाया गया है, उससे केंद्र सरकार भले ही कर्मचारियों के वेतन में 23.55 प्रतिशत बढ़ोतरी का एलान कर रही हो लेकिन राज्य कर्मचारियों के वेतन में वास्तव में 14.5 प्रतिशत ही बढ़ोतरी होगी क्योंकि उन्हें केंद्रीय कर्मचारियों के समान भत्ते नहीं मिलते हैं। कर्मचारियों व शिक्षकों में पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली न होने से भी निराशा है।
वेतन आयोग की रिपोर्ट पर किसी भी श्रेणी या संवर्ग के कर्मचारी संगठन ने खुशी नहीं जताई है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के मुताबिक, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के वेतन में मात्र 3 से 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है तो तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को 6 से 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी का ही लाभ दिया गया है।
अलबत्ता अधिकारियों के वेतन में 25 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी करके उन पर दरियादिली दिखाई गई है। कर्मचारियों की न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये करने की मांग भी नहीं मानी गई।
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