कालेजों में शिक्षक भर्ती जल्द, होगा विकास
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के संघटक कालेजों में शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। गवर्निंग बॉडी के गठन से संबंधित संशोधन को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है। इसका पत्र भी मानव संसाधन विकास मंत्रालय से विश्वविद्यालय को मिल गया है। इसके बाद अगले महीने से कालेजों में शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। इसके लिए कुलपति की ओर से कालेजों को पत्र भी लिखा जा चुका है। इतना ही नहीं कालेजों के ढांचागत विकास का अवरोध भी दूर हो गया है।
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इलाहाबाद विश्वविद्यालय को 14 जुलाई 2005 को केंद्रीय दर्जा मिला था। इसके साथ 11 संघटक कालेज जोड़े गए थे लेकिन कालेजों में गवर्निंग बॉडी के गठन को लेकर विवाद रहा। कालेज प्रबंधन पुरानी सोसाइटी को मंजूरी दिए जाने की मांग कर रहा था। इसके अलावा कालेजों की संपत्ति, शिक्षकों की भर्ती की नियमावली आदि को लेकर भी ऑर्डिनेंस में संशोधन होना था। इन विवादों तथा गवर्निंग बॉडी का गठन नहीं होने की वजह से कालेजों में शिक्षकों-कर्मचारियों की भर्ती, प्रमोशन के साथ ढांचागत विकास भी अवरुद्ध हो गया था। केंद्रीय दर्जा मिलने के बाद से कालेजों को प्लान के अंतर्गत पैसा भी नहीं मिला। कई बार तो इस मद में आई राशि वापस हो गई।
हालांकि, अब यह बाधा दूर हो गई है। विश्वविद्यालय के ऑर्डिनेंस में इस संबंध में होने वाले संशोधनों को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। रजिस्ट्रार प्रोफेसर एनके शुक्ला ने बताया कि मंत्रालय से इसका पत्र मिल गया है। कालेजों को भी इससे अवगत करा दिया गया है। संघटक कालेज शिक्षक संघ (ऑक्टा) के अध्यक्ष डॉ.सुनील कांत मिश्रा का कहना है कि गवर्निंग बॉडी का गठन नहीं होने की वजह से सबकुछ ठप था। केंद्रीय दर्जा मिलने का कालेजों को अभी तक कोई लाभ नहीं मिला, लेकिन अब राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद शिक्षकों की नियुक्ति के अलावा कालेजों का ढांचागत विकास भी हो सकेगा। कालेज के शिक्षक भी प्रोजेक्ट ला सकेंगे। उधर, राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद कई कालेजों में शिक्षकों की भर्ती की तैयारी शुरू हो गई है। बड़ी अड़चन नहीं आई तो अगले महीने में भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। नियुक्ति यूजीसी की नियमावली के अनुसार होगी।
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