अब ऑनलाइन पढ़ाई पर भी सर्टिफिकेट और डिग्री
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डिजिटल इंडिया अभियान के बीच पढ़ाई का तौर-तरीका भी बदलता दिख रहा है। अब ऑनलाइन पढ़ाई पर सर्टिफिकेट और डिग्री देने की तैयारी है। इसके लिए प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। मैसिव ओपेन ऑनलाइन कोर्सेज (मूक) लांच करने का निर्णय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) बोर्ड की बैठक में लिया गया है। इसके अंतर्गत पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी को क्रेडिट (अंक) दिए जाएंगे, जिसके आधार पर डिग्री हासिल की जा सकेगी। प्रारूप तैयार करने तथा नियमावली बनाने के लिए विशेषज्ञों की समिति भी बनाई गई है।
यूजीसी ने सभी पाठ्यक्रमों के लिए क्रेडिट बेस्ड च्वॉयस सिस्टम (सीबीसीएस) अनिवार्य कर दिया है। कई विश्वविद्यालयों में यह व्यवस्था लागू हो चुकी है। जहां नहीं है, वहां भी एक-दो साल में लागू कर दी जाएगी। खास बात यह है कि कोर्स से इतर दूसरे विषय में भी क्रेडिट हासिल किए जा सकते हैं। डिग्री हासिल करने के लिए छात्र-छात्राओं को न्यूनतम क्रेडिट हासिल करने होंगे। यूजीसी की नई व्यवस्था के अंतर्गत विद्यार्थियों को क्रेडिट हासिल करने के लिए कक्षाओं में जाने की भी जरूरत नहीं होगी। आयोग ने आगामी सत्र से मैसिव ओपेन ऑनलाइन कोर्सेज (मूक) पर क्रेडिट निर्धारित करने की तैयारी की है। सिर्फ विशेषज्ञों की कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार है। सचिव प्रोफेसर जसपाल सिंह संधू ने बताया कि मूक्स कोर्स शीघ्र लॉन्च किया जाएगा।
मूक पढ़ाई का माध्यम है। भविष्य में इसे शिक्षा ग्रहण करने के लिए नए विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एमपी दुबे ने बताया कि इसमें पूरी पढ़ाई की व्यवस्था होती है। कई देशों में मूक के अंतर्गत सर्टिफिकेट और डिग्री पाठ्यक्रम शुरू हैं। राजर्षि टंडन मुक्त मुक्त विश्वविद्यालय में भी मूक कोर्सेज शुरू किए जाएंगे। विभिन्न संस्थाओं से समझौते किए गए हैं।
यूजीसी की ओर से मूक प्लेटफार्म को मजबूत बनाने की भी पहल की गई है। इसके अंतर्गत सभी तरह के कोर्सेज के प्रारूप और पाठ्यक्रम को नए सिरे से डिजाइन किया जाएगा। इसका मकसद विभिन्न पाठ्यक्रम के ई-कंटेंट की उपयोगिता बढ़ाने के साथ समरूपता लाना है। सभी कोर्सेज मूक प्लेटफार्म पर लांच किए जाएंगे।
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