15 हजार शिक्षक भर्ती पर मांगा जवाब
चंडीगढ़ कोर्ट, हाईकोर्ट, अदालत, न्यायालयPC: file photo
प्राथमिक स्कूलों में 15 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती में बीटीसी 2012 सत्र के अभ्यर्थियों को शामिल करने का मामला कोर्ट पहुंच गया है। अध्यापक भर्ती में इनको शामिल करने और चयन को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद और प्रदेश सरकार से इस बाबत जवाब मांगा है। मामले की सुनवाई जुलाई में होगी। इस दौरान की गई नियुक्तियां याचिका के निर्णय पर निर्भर करेंगी। 2008 सत्र की बीटीसी अभ्यर्थी कमला देवी ने याचिका दाखिल कर चयन को चुनौती दी है। मामले की सुनवाई जस्टिस पीकेएस बघेल कर रहे हैं।
याची के अधिवक्ता सीमांत सिंह के मुताबिक परिषदीय स्कूलों में 15 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए नौ दिसंबर 2015 को शासनादेश जारी किया गया। इसमें दो वर्ष का बीटीसी कोर्ट और टीईटी उत्तीर्ण होना अनिवार्य अर्हता थी। टीईटी में आवेदन करने की अंतिम तिथि 21 जनवरी 2014 थी। एनसीटीई द्वारा 11 फरवरी 2011 को जारी गाइड लाइन के अनुसार टीईटी में शामिल होने के लिए वही अभ्यर्थी अर्ह माने जाएंगे जो आवेदन की अंतिम तिथि तक या तो बीटीसी उत्तीर्ण हैं अथवा अंतिम सेमेस्टर में हैं या अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा दे चुके हैं। मगर 21 जनवरी 2014 को सत्र 2012 के ऐसे अभ्यर्थी ने भी टीईटी के लिए आवेदन किया जो पहले सेमेस्टर में थे।
इनको परीक्षा में शामिल कर लिया गया और परीक्षा परिणाम भी घोषित हो गया। इसी आधार पर 15 हजार शिक्षक भर्ती की काउंसलिंग में भी सत्र 2012 वाले बीटीसी अभ्यर्थियों को शामिल कर लिया गया। परिषद अब चयनित अभ्यर्थियों को 28 जून को नियुक्ति पत्र जारी करने जा रहा है। याचिका में कहा गया कि सत्र 2012 वालों को शामिल करने की वजह से दूसरे सत्र के अभ्यर्थियों को अवसर नहीं मिल सका। मांग की गई कि नियुक्तिपत्र जारी करने पर रोक लगाई जाए। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग से जवाब तलब करते हुए कहा है कि नियुक्तियां याचिका पर हुए निर्णय के अधीन रहेंगी।
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